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जगदलपुर। रियासत कालीन 75 दिवसिय बस्तर दशहरा पर्व में संचालित होने वाले विशालकाय दुमंजिला रथ को अब हर समय उसी स्वरूप में पूरे सजा सज्जा के साथ देख जा सकेगा, इसके लिए प्रशासन ने आसना में स्थित बादल एकेडमी में रखने की तैयारी की जा रही है।
रियासत कालीन 75 दिवसिय बस्तर दशहरा में 4 और 8 पहियों वाले दुमंजिला रथ का निर्माण स्थानीय ग्रामीण कारीगरों द्वारा बनाया जाता है। जिसमें मां दंतेश्वरी के छत्र को रथारूढ़ कर परिक्रमा कराई जाती है, और पर्व की सामाप्ति के बाद रथ को सीरासार भवन के पास रखा जाता है। जिला प्रशासन के द्वारा अहम निर्णय लेते हुए 8 पहियों वाले दुमंजिला रथ को पूरे साज सज्जा के साथ तैयार कर बादल अकादमी में रखने की योजना बनाई गई है। जिसे बाहर से आने वाले पर्यटकों सुसज्जित दुमंजिले विशालकाय रथ को देख सकेंगे साथ ही बस्तर दशहरा से जुड़े इतिहास को भी जान सकेंगे।
टेंम्पल कमेटी के सचिव व तहसीलदार जगदलपुर पुष्पराज पात्र ने बताया कि बस्तर दशहरा के रथ को संरक्षित करने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर और टीम ने निर्णय लिया है। जल्द ही कारीगरों की मदद से बादल अकादमी में रथ को तैयार कर रखा जाएगा।
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