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रायपुर। रामअवतार जग्गी हत्या कांड में सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से तीन हफ्ते तक की राहत की मियाद समाप्त होने के बाद याह्या ढेबर ने मंगलवार को विशेष न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने याह्या ढेबर सहित आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे, अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी ने आत्मसमर्पण के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन लगाया था जिसमें उन्हें आत्मसमर्पण तीन हफ्ते की अवधि दी गई थी। तीन हफ्ते की मियाद समाप्त होने पर याह्या ढेबर ने विशेष न्यायालय के समक्ष मंगलवार की दोपहर में आत्मसमर्पण किया। इससे पहले दो शूटर विनोद सिंह राठौर तथा चिमन सिंह ने 15 अप्रैल को विशेष न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। उल्लेखनीय हैं कि 21 वर्ष पूर्व 4 जून को रामअवतार जग्गी की मौदहापारा में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में 31 अभियुक्त बनाए गए थे जिनमें दो आरोपियो बुल्ठू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे तथा अमित जोगी को इस हत्याकांड से बरी कर दिया गया था। इसके बाद निचली अदालत ने 28 लोगों को सजा सुनाई थी जिसे चुनौती देते हुए आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे हाईकोर्ट की युगल पीठ के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा व अरविंद वर्मा ने 28 आरोपियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के आदेश को यथावत रखते हुए सभी आरोपियों को फैसले के बाद 8 दिन के अंदर न्यायालय में समर्पण करने को कहा था।
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