CNIN News Network

शोध-प्रस्तुति, सारगर्भित, रोचक एवं जिज्ञासा पैदा करने वाली हो - प्रो बनर्जी

25 Apr 2024   82 Views

शोध-प्रस्तुति, सारगर्भित, रोचक एवं जिज्ञासा पैदा करने वाली हो - प्रो बनर्जी

Share this post with:

00 अग्रसेन एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला प्रारम्भ

रायपुर। अग्रसेन महाविद्यालय एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में न्यू मेथोडोलॉजी इन रिसर्च प्रजेंटेशन  विषय परकार्यशाला आज से प्रारम्भ हुई. छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन के दाऊ रामखिलावन सभागार में आयोजित इस कार्यशाला का उदघाटन शिक्षा प्रचारक समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी ने किया.

कार्यशाला के प्रारंभिक सत्र को संबोधित करते हुए शासकीय जे. योगानन्दम छत्तीसगढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अमिताभ बनर्जी ने कहा कि समय के साथ समाज में अनेक बदलाव हो रहे हैं. इसलिए समाज के इन नए सन्दर्भों और हर दिन प्रकट होने वाली नई अवधारणाओं को देखते हुए इसके अध्ययन के लिए हमें नई प्रविधियों और तकनीकों की जरूरत है. लेकिन प्रस्तुति में बहुत ज्यादा तकनीक पर ध्यान देने से विषय छूट सकता है- इसका भी ध्यान रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि स्लाइड का आरम्भ बहुत ही स्पष्ट और सटीक होना चाहिए. साथ ही स्लाइड के इन्फोग्राफिक्स, चित्र और आंकड़ों का भी आवश्यक उपयोग करना चाहिए. लेकिन इसकी अधिकता न हो, अन्यथा प्रस्तुति निष्प्रभावी हो सकती है. डॉ बनर्जी ने कहा कि पहला स्लाइड प्रभावी और जिज्ञासा पैदा करने वाला हो. उन्होंने कहा कि लेस-इज-मोर और मोर-इज-मोर के सूत्र के अनुसार स्लाइड की संख्या तय करें. प्लेगियरिज्म से बचने के लिए जो भी टेक्स्ट इस्तेमाल करें, उसके स्रोत का उल्लेख अवश्य करें. विषय की प्रस्तुति इस तरह रखें, कि दर्शक-समूह में उपस्थित सामान्य व्यक्ति भी आपके विषय को जानने के लिए उत्सुक हो सके. उन्होने कहा कि दर्शकों के संभावित प्रश्नों के उतर देने के लिए भी शोधार्थी को पूरी तैयारी रखना जरुरी है. डॉ बनर्जी ने कहा कि प्रस्तुति के अन्त में विषय की अवधारणा को इस तरह प्रस्तुत करें कि दर्शक उसे स्थायी रूप से याद रखने को प्रेरित हो सके.               

शोध-प्रस्तुति, सारगर्भित, रोचक एवं जिज्ञासा पैदा करने वाली हो - प्रो बनर्जी

इससे पहले महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने विषय की  प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ को उच्च शिक्षा के विभिन्न मानकों में 19 वां रैंक मिला हुआ है, जिसमें निश्चित ही सुधार की आवश्यकता है. इसके लिए यहाँ शोध को बढ़ावा देने की जरुरत है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह कार्यशाला आयोजित की गई है.

इस अवसर पर महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ वी.के. अग्रवाल ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध आधारित अध्ययन का विशेष महत्व है. क्योंकि इससे समाज को आने वाली चुनौतियों की जानकारी होती हैं. साथ ही इन चुनौतियों के समाधान का विकल्प भी शोध के माध्यम से प्राप्त होता है. महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के सचिव एवं वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अमित अग्रवाल ने इस कार्यशाला को सभी शोधार्थियों के लिए मार्गदर्शक बताया और कहा कि ऐसे आयोजन से शोध के लिए एक उपयुक्त वातावरण का निर्माण होता है.

आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि उच्च शिक्षा में कार्य करने वालों के लिए शोध और सतत अध्ययन सबसे अनिवार्य हिस्सा है. इसमें निरंतर सुधार के लिए सभी प्राध्यापकों को अपने अनुभव और ज्ञान का विस्तार करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों  में समय के साथ निरंतर नए-नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं. इन सभी पर शोध अध्ययन की आवश्यकता को देखते हुए यह कार्यशाला आयोजित की गई है, जो सभी के लिए उपयोगी है.  

पांच दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में शोध समस्या (रिसर्च प्रोब्लम) को परिभाषित करने के साथ ही शोधार्थी को उपयुक्त रिसर्च डिजाइन (शोध संरचना) के चयन हेतु समुचित मार्गदर्शन दिया जायेगा. साथ ही शोध परिकल्पना तैयार करने सहित शोध की दिशा निर्धारित करने एवं इसमें सांख्यिकी-आधारित सॉफ्टवेयर के उपयोग पर चर्चा की जाएगी    

इस आयोजन की संकल्पना शिक्षा प्रचारक समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी, महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ वी.के. अग्रवाल, महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के सचिव डॉ अमित अग्रवाल, महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने की है. वहीँ, कार्यशाला का संयोजन संयुक्त रूप से अग्रसेन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ युलेंद्र कुमार राजपूत, आई.क्यू.ए.सी.  की कोआर्डिनेटर डॉ डॉली पाण्डेय, कंप्यूटर संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो विकास शर्मा एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय में वाणिज्य विषय के प्राध्यापक प्रो ललित मोहन वर्मा, कंप्यूटर संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार चन्द्राकर ने किया है. आज के सत्र का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ आकांक्षा दुबे ने किया. आज के सत्र में दोनों महाविद्यालयों के समस्त प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही. 

Share this post with:

POPULAR NEWS

© 2022 CNIN News Network. All rights reserved. Developed By Inclusion Web