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रायपुर। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जबरदस्ती सेवानिवृत्ति पर भेजे गए भारतीय पुलिस प्रशासनिक सेवा के अफसर जीपी सिंह को कैट ने मंगलवार को बड़ी राहत देते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए न केवल उनको वापस पुलिस सेवा में बहाली के आदेश जारी किए बल्कि उनके खिलाफ सभी मामलों को तत्काल निराकृत किए जाने के भी आदेश दिए हैं।
1994 काडर के भारतीय पुलिस प्रशासनिक सेवा के अफसर जी.पी. सिंह को तत्कालीन कांग्रेस सरकार में प्रदेश के मुखिया रहे भूपेश बघेल सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें जबदस्ती सेवानिवृत्ति देकर घर बिठा दिया था। जिस समय जीपी सिंह के खिलाफ यह कार्यवाही की गई थी उस समय उनके कार्यकाल की अवधि चार वर्ष शेष बची थी। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ में जीपी सिंह ने कैट में चुनौती दी थी।
मंगलवार को कैट के जस्टिस रंजीत मोरे और सदस्य आनंद माथुर की युगल पीठ ने जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश दिए, साथ ही चार हफ्ते के भीतर उनसे जुड़े सभी प्रकरणों को निराकृत करने के आदेश भी दिए। खास बात यह है कि जी.पी. सिंह तीसरे आईपीएस अफसर हैं जिन्हें कैट से राहत मिली है। इससे पहले भी जबरिया रिटायर किए गए ए. एम. जूरी और आईजी स्तर के अफसरके. सी. अग्रवाल को भी कैट से राहत मिली थी, और वो सेवा में फिर से बहाल हुए थे।
भूपेश सरकार में जी.पी.सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण दर्ज हुआ था, साथ ही उनके खिलाफ राजद्रोह का भी प्रकरण दर्ज किया गया था। आय से अधिक संपत्ति के प्रकरण में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चालान भी पेश कर दिया था।
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