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रायपुर। शुक्रवार को पूरे भारत में एक साथ हिन्दी में रिलीज हुई फिल्म जानकी भाग - 1 दोनों जेठ के अत्याचार को सहन कर अपने बेट को दिलाने में कामबाबी की कहानी है। यह फिल्म रायपुर के श्याम टॉकीज और 5 मल्टीप्लेक्सों के साथ छत्तीसगढ़ के 34 सिनेमाघरों और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह फिल्म मुंबई के 49 सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। छत्तीसगढ़ के दर्शकों को यह फिल्म सिनेमा घरों में हिन्दी में देखने को मिलेगा क्योकि छत्तीसगढ़ी में वे एनमाही के ऑफिशियल चैनल में जाकर इसे देख सकते है। वहीं बहुत जल्द ही यह फिल्म गुजराती, सिंधी, उड़ीया, भोजपुरी, बंगाली, तमिल व तेलगु भाषा में रिलीज होगी। पार्ट - 2 में अभिनेता दिलेश साहू के साथ नई अभिनेत्री दर्शकों को देखने को मिलेगी जहां वे अपने मामा के अत्याचार से परेशान होकर संघर्ष करते हुए नजर आएंगे।
फिल्म की शुरुआत माता के जस गीत और अंत भी माता के जस गीत के साथ होता है। भले ही यह फिल्म हिन्दी में दर्शकों देखने को मिलेगा लेकिन इसमें भी छत्तीसगढ़ी बोली उन्हें देखने को मिलेगी। जब बिंदास बहुरानी और सुमित्रा साहू हिन्दी व छत्तीसगढ़ी में बातचीत करते हुए नजर आएंगे और दोनों ने दर्शकों को खूब हंसाया भी है। फिल्म का टाईल सॉग कैलाश खेर ने गाया है जो दर्शकों को काफी पसंद आया और छत्तीसगढ़ की कलाकार मोनिका वर्मा के द्वारा गाए गए दोनों जस गीत में दर्शक झूपने और नाचने पर मजबूर हो गए। बाबा बघेल ने बहुत की बढिय़ा कोरियोग्राफी किया और तोषांत कुमार ने इसे अपने संगीत से सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ा।
जानकी भाग - 1 में अभिनेत्री अनुकृति चौहान और अभिनेता दिलेश साहू का किरदार बहुत बढिय़ा था। रघु उर्फ दिलेश साहू पुष्पा राज के अभिनेता अल्लू अर्जुन की तरह अभिनय करते हुए दिखे और दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। वहीं अनुकृति चौहान एक भारतीय नारी की भूमिका में नजर आई जो पहले तो एक सीधी साधी लड़की थी जिसका विवाह दिलेश के बड़े भाई से तय हो जाता है लेकिन बाद में दिलेश ने अपने प्यार कर इजहार कर उससे शादी कर अपने घर ले आता है और यही से कहानी दूसरा मोड़ ले लेती है। जहां पहले तो दिलेश का बड़ा भाई अपनी बाहू को अपना बनाने के लिए उससे छेड़छाड़ करता है और इस दौरान दिलेश और उसके बीच झगड़ा हो जाता है और कुछ दिन बाद उसकी रहस्य मौत हो जाती है। इसके बाद जानकी गर्भ से हो जाती है और पूरे घर में खुशी का माहौल छा जाता है लेकिन वह भी गोद भराई के दिन टू जाता है जब दिलेश की मौत की खबर आती है। जैसे-तैसे जानकी अपने बच्चे को जन्म देती है लेकिन दिलेश का बड़ा भाई यानी जीत शर्मा भी जानकी को पाने के लिए मौके की तलाश में रहता है और एक दिन वह उसमे कामयाब भी हो जाता है लेकिन उसकी पत्नी के आ जाने के बाद वह सफल नहीं हो जाता और भरे पंचायत में जानकी को बेईज्जत करते हुए उसे गाँव छोडऩे पर मजबूर कर दिया जाता है। गांव छोडऩे के बाद वह अपने बच्चे को लेकर कही दूर चली जाती है लेकिन वहां भी उसे अपनी इज्जत बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और इस दौरान उसकी मुलाकात एक महिला से होती है और उसके समझाने के बाद वह अपने बेटे के हक के लिए वापस गांव आती है जहां एक बार फिर उसका जेठ जीत शर्मा उसे पाने के लिए पूरे गांव वालो के सामने उसे बेइज्जत करते हुए उसकी जमकर पिटाई करता है। इस दौरान जानकी माँ दुर्गा के शरण में चली जाती है और माता आ जाती है लेकिन इसके बाद भी उसका जेठ उसे मारते रहता है और माता के क्रोध के बाद वह थोड़ी देर के लिए डर तो जाता है लेकिन फिर भी वह जानकी को मारते रहता है। इस दौरान कहानी में नया मोड़ आता है और रघु उर्फ दिलेश साहू माता की सवारी शेर के रुप में सामने आते है और अपनी पत्नी और भाई के हत्या करने के बदले अपने बड़े भाई बदला लेते हुए उसकी पिटाई करते और माता चढ़ी जानकी को पूछते है कि तुम्हें क्या चाहिए तो वह बोलती है बदला और जानकी काली माँ का रुप धारण कर हसिएं से अपने जेठ का सिर काट कर अपना बदला पूरा करती है।
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