CNIN News Network

कहो ना ऋतिक है

10 Jan 2024   124 Views

कहो ना ऋतिक है

Share this post with:

  • संजय दुबे

1913 में पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र और 1931 में पहली बोलती फिल्म आलमआरा बनी थी। इन दोनो फिल्मों के साथ ही मनोरंजन की दुनियां में  नायकत्व और नायिकात्व का दौर भी शुरू हो गया था। दर्शक नायक नायिकाओं के रहन सहन, चाल ढाल को आम जीवन में अपनाने लगा था।

शुरुवाती दौर में नायक जवान नहीं हुआ करते थे । उनके कद काठी भी अजीब से हुआ करते थे। वे नायक कम अभिनेता ज्यादा दिखते थे। राजकपूर, राजकुमार, देवानंद, राजेंद्र कुमार के स्टारडम के दौर के बाद राजेश खन्ना सुपर स्टार बने। सुपर स्टार के बाद  महानायक अमिताभ बच्चन का अंयुदय हुआ। ये सब आदमी पहले थे और नायक बाद में शाहरुख खान बादशाह बने लेकिन उनका शारीरिक बनाव कमजोर था।21 वी शताब्दी में भारत का अंतिम सुपर स्टार बना एक ऐसा नायक जिसमे पश्चिम का लुक था और पूरब का लोच। इसके बात स्टार परंपरा खत्म हो गई हैं।पिछले 23सालो में कोई भी नायक ऐसा नहीं है जो कंप्लीट  हो सिवाय ऋतिक रोशन को छोड़कर।

 हर नायक के पसंदगी का एक दर्शक वर्ग होता है। जो अपने नायक के लिए दिल में अलग ही  जगह रखता है। 2000के साल में एक फिल्म आई- कहो ना प्यार है। एक नए सितारे के रूप में फिल्मों में हीरो बनने  आए असफल राकेश रोशन के बेटे ऋतिक रोशन ने ऐसा माहौल बनाया कि लोग देखते रह गए। ऋतिक के पहले शरीर सौष्ठव में केवल दो लोग जाने जाते थे पहला सनी देओल और दूसरा सुनील शेट्टी। ये दोनो फिल्म के अनिवार्य तत्व के रूप में नाचने के मामले में "भच्च" थे। इनके अभिनय क्षमता पर कोई भी निर्देशक  जोधा अकबर,गुजारिश या सुपर 30जैसी फिल्म बनाने का दुस्साहस नहीं कर सकता था।

वैसे ऋतिक रोशन भी अभिनय के मामले में परफेक्ट नहीं है लेकिन मेहनती है। उनको शुरुवाती दौर में "कहो ना प्यार है" के जबरदस्त  सफलता के बाद जबरदस्त असफलता का दौर भी देखना पड़ा था लेकिन जिसके सर पर पिता का साया हो तो बात बदल सकती है।"K"पर जबरदस्त विश्वास रखने वाले राकेश रोशन ने  "कृष"  बनाई ऋतिक की गाड़ी चल पड़ी। धूम2 में उन्होंने फिर धूम मचाया। कृष3 में फिर दौड़े।अग्निपथ,गुजारिश,सुपर 30,जिंदगी नहीं मिलेगी दोबारा, फिल्मों ने उनको बतौर एक अभिनेता प्रमाणित किया। शानदार शरीर सौष्ठव के लिए ऋतिक रोशन देश विदेश में एक आइकॉन है। इसके साथ साथ नाचने के मामले में उनके टक्कर का कोई अन्य नायक नहीं है। उनके पद चिन्हों पर जैकी श्राफ का बेटा टाइगर  भले ही कोशिश कर रहा है लेकिन पत्थर जैसे मजबूर शरीर में लाेच की बात की बात ले तो1913से लेकर 2024 याने 91साल  के समय में बनी फिल्मों में  ऐसा कोई भी नायक नहीं हुआ है जिसके डोले शोले इतने शानदार हो और डांस स्टेप ऐसे कि नकल उतारना भी कठिन लगे। आज ऋतिक रोशन  जिंदगी के 50वे साल में थिरकने के लिए पहुंच रहे है।

Share this post with:

POPULAR NEWS

© 2022 CNIN News Network. All rights reserved. Developed By Inclusion Web