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सुकमा। नक्सलियों के कोन्टा एरिया कमेटी के सचिव मंगडू ने प्रेस वक्तव्य जारी कर 18 मई को हुई टेटराई-तोलनाई मुठभेड़ को झूठा बताते हुए लिखा है कि पुलिस के द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर मीडिया के माध्यम से प्रचार किया गया है। जब कि सच्चाई यह है कि पुलिस द्वारा निहत्थे व्यक्ति हूंगा को पकड़कर अमानवीय यातना देकर गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है।पुलिस फोर्स और किराए के पुलिस गुंडे द्वारा कगार अभियान और नक्सली उन्मूलन नाम से गश्ती ऑपरेशन चलाकर गांवों के ऊपर हमला करना, लोगों को मारपीट करना कुछ लोगों को फर्जी मामले से जेल में ठूंसना आम बात हो गई है।
नक्सलियों ने जारी प्रेस वक्तव्य में लिखा गया है कि भेज्जी दोरनापाल क्षेत्र के टेटराई और तोलनाई के बीच जंगल में नक्सली और पुलिस के बीच्र हुई मुठभेड़ में एक लाख के इनामी नक्सली को मार गिराने के अलावा शव और हथियार बड़ी मात्रा में दैनिक उपयोग सामग्री बरामद करने का पुलिस व सुकमा एसपी द्वारा मनगढ़ंत के साथ मीडिया के माध्यम से प्रचार किया गया है। हमारे पीएलजीए या कोई दल वहां उपस्थित नहीं था और ना ही मुठभेड़ हुई है। सच्चाई यह है कि पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के डीआरजी, सीआरपीएफ, कोबरा फ़ोर्स सहित खूंखार पुलिस द्वारा निहत्थे व्यक्ति हूंगा को पकड़े और अमानवीय यातना देकर गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है। मृतक हूंगा साधारण रूप से खेती बाड़ी करके जीवनयापन कर रहा था। हूंगा का छोटा भाई मासा के पुलिस में कार्यरत होने का दावा नक्सलियों ने किया है, वहीं हूंगा की पत्नी और बच्चे भी होने की बात लिखी गई है।
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