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जरा सोचिए कि किसी लोकसभा सीट में लगभग चार लाख मतदाता हो और कोई प्रत्याशी , दूसरे मतदाताओं को छोडि़ए अपने प्रस्तावक और समर्थक का मत भी न पाए और अपना मत भी न पाए तो इससे बड़ी बदनसीबी नही हो सकती लेकिन ऐसे बदनसीब रहे मैनपुरी के शंकर लाल।
मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम सिंह यादव जो समाजवादी पार्टी के संस्थापक होने के साथ देश के रक्षा मंत्री रहे, उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे, उनके पुत्र अखिलेश यादव भी मुख्य मंत्री रहे बहु डिंपल यादव के नाम निर्विरोध सांसद बनने का रिकार्ड है। मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव 6बार सांसद रहे है। ढाई दशक से अधिक समय तक समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा मैनपुरी संसदीय क्षेत्र दिलचस् एक उम्मीदवार को शून्य वोट मिलने की भी गवाही मिलती है।ये प्रत्याशी थे निर्दलीय शंकर लाल, जिन्होंने 1957 के आम चुनावों में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।उन्हे अपना वोट भी नहीं मिला क्योंकि इसे अवैध माना गया था।
भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बंसी दास धनगर, बादशाह (कांग्रेस), जगदीश सिंह (अखिल भारतीय भारतीय जनसंघ) और स्वतंत्र उम्मीदवार मनी राम और पुत्तू सिंह, अन्य उम्मीदवार थे। पीएसपी के बंसी दास धनगर 1,96,750 वोटों में से 59,902 वोट (30.45 प्रतिशत) हासिल करके विजेता बने, जबकि कांग्रेस के बादशाह 56,072 वोट (28.50 प्रतिशत) के साथ उपविजेता रहे।
अखिल भारतीय भारतीय जनसंघ के जगदीश सिंह को 46,627 वोट (23.70 प्रतिशत) मिले। निर्दलीय उम्मीदवारों मनी राम और पुत्तू सिंह को क्रमश: 17,972 (9.13 प्रतिशत) और 16,177 (8.22 प्रतिशत) वोट मिले। इस लोक सभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3,93,180 थे, जिनमें से 50 प्रतिशत से कुछ अधिक ने अपने अधिकार का प्रयोग किया था।
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