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भोपाल। बुधवार को विधानसभा में मोहन सरकार का दूसरा बजट प्रस्तुत होगा। ज्ञान यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर आधारित होगा यह बजट। इसके लिए चार मिशन भी लागू किए जा चुके हैं। अब बजट में पूर्व से संचालित योजनाओं में प्रावधान किए जाएंगे। वहीं, किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ करने की घोषणा हो सकती है। इसमें गेहूं, धान और श्रीअन्न के उत्पादन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अगले दो वर्ष में ढाई लाख सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती का रोडमैप भी प्रस्तुत किया जा सकता है। 2025-26 में एक लाख पदों पर राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाएं कराकर भर्तियां की जाएंगी।मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र हैं। एक करोड़ से अधिक खातेदार कृषक हैं, जिनमें 67 प्रतिशत लघु और सीमांत हैं। किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से इतर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। अब इसके लिए जितने भी प्रावधान होंगे, वे सब कृषक उन्नति योजना में किए जाएंगे। कैबिनेट योजना को मंजूरी दे चुकी है। इसके प्रविधान कृषि बजट में किए जाएंगे। उत्पादन में वृद्धि के लिए आवश्यक सिंचाई क्षमता का विस्तार सरकार की प्राथमिकता में है। इसे ध्यान में रखते हुए केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो योजना के लिए राज्यांश बढ़ाएगी। उल्लेखनीय है कि दोनों नदी जोड़ो परियोजना का हिस्सा हैं, जिसमें 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। सिंचाई क्षमता 50 लाख से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने के लिए जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट प्रावधान बढ़ाया जाएगा। सरकार को जोर पिछले वर्षों की तरह इस बार भी अधोसंरचना विकास पर रहेगा। दरअसल, अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए औद्योगिकीकरण आवश्यक है। इसके लिए नए औद्योगिक केंद्र विकसित किए जाएंगे तो सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर काम होगा।नगरीय क्षेत्रों में डेढ़ हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग उन सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर बनाएगा, जो पूर्व से स्वीकृत हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण तेजी के साथ करने के लिए बजट आवंटित किया जाएगा।विभाग को दस हजार करोड़ रुपये से अधिक बजट मिल सकता है। इसी तरह स्कूल और कॉलेजों का बजट भी बढ़ाया जाएगा ताकि गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके।
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