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रायपुर। महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने प्रदेशवासियों को दीपावली, गौरी गौरा, गोवर्धन पूजा, मातर (भाईदूज) पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का बात है कि माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की बेटी और भगवान श्री राम हमारे भांजे हैं। दिवाली भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है।
हमारे प्रदेश के विभिन्न स्थानों में अलग अलग प्रकार से दीपावली का पर्व मनाया जाता है। सरगुजा क्षेत्र में पंडो जनजाति के लोग इस दिन गौरया देवता की पूजा करते हैं । सरगुजा में दिवाली के दिन घर के दरवाजो में रेडी के पत्ती को तोड़कर लगाया जाता है,मान्यता है कि ऐसा करने से घर में जादू- टोना का असर नहीं होगा। वहीं दिवाली की रात सोते समय परिवार के सभी सदस्य नाभी में सरसो का तेल लगाते हैं और अल सुबह घर से गरीबी हटाने के लिए किसी पुराने बांस से बने समान को घर से बाहर निकलकर पीटते हैं और भाग दरिद्रता भाग कहते हैं।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि प्रदेश की गोंड जनजाति समुदाय दीपावली के अगले दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह करते हैं, जिसे हम गौरा गौरी कहते हैं। पूरे विधि विधान से गौरा गौरी की शादी करा कर पूरा गांव उनसे आशीर्वाद प्राप्त करता है। उसी दिन गोवर्धन पूजा भी मनाया जाता है जिसमें यादव समाज के लोग राउत नाचा करते हैं | उसके अगले दिन भाई दूज के पर्व को मातर तिहार के रूप में मनाया जाता है जिसमें यादव समाज के भाई-बहन एवं ग्रामवासी सभी के घर जाकर गौ माता की पूजा अर्चना कर भोग प्रसाद लगाते हैं। श्रीमती राजवाड़े ने सभी को दीपावली सहित अन्य त्योहारों की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि मैं माता लक्ष्मी से प्रार्थना करती हूं कि आप सभी स्वस्थ और समृद्ध रहें|
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