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रायबरेली/रायपुर। भारतीय जनता पार्टी नेता स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का विरोध करके अपनी पहचान बनाई है लेकिन इस बार वह अमेठी में ऐसा नहीं कर पाएंगी और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली दोनों सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल करेगी। उक्त बातें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व राजनांदगांव लोकसभा सीट के प्रत्याशी भूपेश बघेल ने रायबरेली में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बार पार्टी ने रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारा है और वह भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं । गांधी परिवार के सहयोगी किशोरी लाल शर्मा अमेठी में स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल गांधी 2019 में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे और ईरानी ने जीत दर्ज की थी। बघेल ने कहा कि दोनों सीटों से गांधी परिवार के घनिष्ठ संबंध रहे हैं पहले इंदिरा गांधी फिर संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी सभी ने इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी एक से चुनाव लड़ा है।
बघेल ने कहा कि यहां के हर घर से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। रायबरेली से राहुल गांधी को उतारने का फैसला आलाकमान का था और हमारे नेता पहले ही इस बारे में बात कर चुके हैं। हम दोनों सीटों से लड़ रहे हैं। किशोरी लाल शर्मा जी 40 वर्षों से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहे हैं। उनका भी हर घर से नाता रहा है। बघेल ने कहा, दूसरा पक्ष डरा हुआ है, खासकर स्मृति ईरानी क्योंकि उनकी पहचान राहुल गांधी के विरोध से ही बनी है। अब वह किसका विरोध करेंगी? वह अब जाल में फंस गई हैं और उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, किशोरी लाल शर्मा उन्हें बड़े अंतर से हराएंगे। हम दोनों सीटें बड़े अंतर से जीतेंगे।
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