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00 दीपक बैज पहुंचे रायपुर रेलवे स्टेशन, यात्रियों से जाना परेशानियां
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज बुधवार की सुबहरायपुर रेल्वे स्टेशन पहुंचे जहां उन्होंने यात्रियों से मिलकर उनकी परेशानियों को जाना। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का मतलब यात्री ट्रेनों को बंद करने के षडय़ंत्र करने का समर्थन करना होगा। गर्मी की छुट्टियां चल रही है, शादी-ब्याह का सीजन है, लोग महीनों पहले टिकिट बुक करवा कर रखे है लेकिन ऐन यात्रा के दिन ट्रेनों के रद्द होने का फरमान जारी हो जाता है। अकेले रायपुर रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन हजारों यात्री ट्रेनों के लेट लतीफी और रद्द होने के कारण वे परेशान है। इस अवसर पर कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, घनश्याम राजू तिवारी के अलावा अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।
उन्होने कहा कि वर्तमान में एक बार फिर 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, 40 ट्रेने पहले से रद्द है। देश में आज कोई भी ट्रेन नहीं है जो समय पर गंतव्य के लिये चलती हो घंटो लेट लतीफी भारतीय रेल की पहचान बन गयी है। यह मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया है। पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 62000 ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का मतलब यात्री ट्रेनों को बंद करने के षडय़ंत्र करने का समर्थन करना होगा। रेलवे को बचाने के लिए आवश्यक है कि देश से मोदी सरकार की विदाई की जाये। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है। यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और कारण बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके।
बैज ने कहा कि बुजुर्गो, बच्चों, विकलांगों को मिलने वाली सुविधा को मोदी सरकार ने मुनाफाखोरी के चक्कर में बंद कर दिया। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ मालवाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है। ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षा माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है। 2014 से पहले कांग्रेस की सरकारों ने रेल्वे लाइनों का विस्तार किया, दोहरी और तीसरी लाइने बिछी, बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिफिकेशन के काम हुये तब ट्रेने बाधित नही की लेकिन मेंटेंनेश का बहाना कर मोदी सरकार दुर्भावनापूर्वक यात्रियों को प्रताडि़त कर रही है।
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