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रायपुर। कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले 'घमंडिया गठबंधन' के नेताओं को न तो देश-प्रदेश की मातृ-शक्ति के आत्म-सम्मान से कोई सरोकार है और न ही अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं की फिक्र रह गई है। कांग्रेस और इंडी अलायंस के गलियारों में पोषित इसी सत्तावादी अहंकार ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंका है और अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों का गुरूर चूर-चूर होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ में करारी शिकस्त खाने के बाद कांग्रेस नेता आज भी कार्यकताओं और नेताओं का केवल मखौल उड़ाने में लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश के पूर्व मंत्री शिव डहरिया के उस बयान पर कटाक्ष कर रहे थे, जिसमें डहरिया ने सिरसा (हरियाणा) में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने गए कांग्रेस से त्यागपत्र देने वाले 11 नेताओं को इलेक्शन मटेरियल बताया है। इस लोकसभा चुनाव में तो वही कार्यकर्ता और मातृशक्ति कांग्रेस को इतिहास के कूड़ेदान में डालने जा रही है, जिन्हें कभी भूपेश बघेल स्लीपर सेल और कभी डहरिया इलेक्शन मटेरियल बता रहे हैं और कांग्रेस में कदम-कदम पर जिनके अपमान की रोज एक कलंक कथा रची जा रही है।
श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक तौर पर इतनी खोखली हो चुकी है कि कोई अपने ही कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल बताता है तो कोई इलेक्शन मटेरियल। एक परिवार की चाटुकारिता में लगी पूरी कांग्रेस के डीएनए में कार्यकताओं और महिलाओं को इस्तेमाल की चीज समझना रचा-बसा है। यही हाल पूरे घमंडिया गठबंधन का है। जिन कांग्रेस प्रत्याशी शैलजा के हक में डहरिया अपने कसीदे पढ़ रहे हैं, उन्हीं शैलजा को लेकर विधानसभा चुनाव की शिकस्त के बाद हुई घोर अपमानजनक टिप्पणियों पर डहरिया मुँह में दही जमाए क्यों बैठे थे? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल में होने वाले बलात्कार को छोटी-मोटी घटना बताकर डहरिया ने जिस राजनीतिक संस्कृति का शर्मनाक प्रदर्शन किया था, उसे छत्तीसगढ़ भूला नहीं है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेत्री नगमा और 'लड़की हूं, लड़ सकती हूँ' के जुमले की पोस्टर गर्ल अर्चना गौतम से लेकर राधिका खेड़ा के साथ तक जिस शर्मनाक संस्कृति का परिचय दिया गया है, वह नितांत शर्मनाक था। अब अपने इंडी गठबंधन के सहयोगी दल आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट को लेकर किसी कांग्रेसी के मुंह से बोल तक नहीं फूट रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस की महिला नेत्रियों के साथ अवांछनीय व्यवहार हो तो आआपा उसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताकर चुप्पी साध लेती है और आआपा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट हो गई तो कांग्रेस एक लफ्ज तक नहीं कह रही है। गजब का शर्मनाक तालमेल इस घमंडिया गठबंधन में दिख रहा है।
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