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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज 12वीं क्लास के बाद 5 साल की अवधि वाले 3 साल की लॉ डिग्री कोर्स करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सीजेआई ने इस जनहित याचिका को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 5 साल का समय भी कम ही है। गौरतलब है कि फिलहाल लॉ डिग्री कोर्स 5 वर्ष का है। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका वापस लेने का फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया था कि बैचलर ऑफ लॉ कोर्स के लिए 05 साल की अवधि अनुचित है। एलएलबी कोर्स की 5 साल की अवधि को तर्कहीन बताते हुए याचिका में इसे अनुच्छेद-14 और अनुच्छेद-21 का उल्लंघन बताया गया है। जनहित याचिका में यह दलील दी गई है कि 5 साल के एलएलबी कोर्स के कारण छात्रों को न केवल ज्यादा फीस भुगतान करना पड़ता है, बल्कि कीमती समय भी बर्बाद होता है।
जनहित याचिका में कहा गया था कि 12वीं के बाद छात्रों के लिए लॉ पाठ्यक्रम 5 वर्ष की अवधि के लिए है, वहीं दूसरी ओर 3 वर्षीय कानून डिग्री पाठ्यक्रम केवल स्नातकों के लिए उपलब्ध है। जनहित याचिका में कहा गया है कि केंद्र और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को 12वीं कक्षा के बाद बैचलर ऑफ साइंस, बैचलर ऑफ कॉमर्स जैसे 3 साल के बैचलर ऑफ लॉ कोर्स शुरू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश दिया जाए।
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