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रायपुर। योग शिक्षका श्रीमती ज्योति साहू ने कहा कि योग में हम श्वांसों के आवागमन पर अपने ध्यान को केन्द्रित करते हैं। यह श्वांसों पर नियंत्रण की कला है। श्वांस लेने का भी सही तरीका मालूम होना आवश्यक है। जब हम श्वांस लेते हैं तो हमारा पेट बाहर निकलना चाहिए और श्वांस छोडऩे पर अन्दर जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
ज्योति साहू प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विश्व शान्ति भवन चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प में जीवन में योगासनों का महत्व विषय पर बोल रही थीं। उन्होंने बच्चों को विभिन्न योगासनों से होने वाले लाभ से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि ताड़ासन में जब बैठें तो अंगूठा और एड़ी में बराबर दूरी होनी चाहिए। यह उँचाई बढ़ाने में मदद करता है। यह खून के प्रवाह को तेज करता है और शरीर का सन्तुलन भी बनाता है। शशांक आसन से सूर्य नाड़ी और चन्द्र नाड़ी एक्टिव होती है। जिससे डिप्रेसन कम होता है। रक्त का प्रवाह अच्छा होता है और आज्ञा चक्र सक्रिय होता है। इसी प्रकार वृक्षासन हमारी एकाग्रता को बढ़ाता है।
उन्होंने ताली बजाने से होने वाले लाभ की चर्चा करते हुए कहा कि जब हम ताली बजाते हैं तो यह हमारे कोलस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है। उन्होंने बतलाया कि योग में या पढ़ाई करते समय हमें सीधा बैठना चाहिए। अगर हम सीधा नहीं बैठते हैं तो हमारी रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाती है जिससे हमें श्वांस लेने में कठिनाई होती है। भोजन करने के उपरान्त हमें कम से कम दो मिनट वज्राशन में जरूर बैठना चाहिए। यह हमारे भोजन को पचाने में मदद करता है।
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