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रायपुर। छालीवुड में कई ऐसे निर्माता और निर्देशक हैं जो बिना किसी जानकारी के फिल्म की पब्लिसिटी के लिए पीआर एजेंसी वालों के पास चले जाते हैं और जिन्हे बस पैसों से मतलब होता है फिल्म चले चाहे न चले। निर्माता और निर्देशक को वे फर्जी अखबारों का डमी पेज बनाकर दिखा देते हैं और वे उन्हें ही सही मानकर खुश हो जाते हैं कि उनकी फिल्मों का बड़ा-बड़ा समाचार अखबार में छप गया है। वे यह तक पता नहीं करते हैं कि वह कौन सा अखबार है और इस समय प्रकाशित हो भी रहा है कि नहीं। पीआर वाले निर्माता और निर्देशक से इन्हीं फर्जी डमी पेज को पेश कर भारी भरकम रकम ले लेते है और उन्हें बताते हैं कि 4 से 5 हजार रुपये लगता है एक समाचार छपाने का लेकिन देते हैं मात्र 5 सौ रुपए। इसी में एक नाम पीआरओ डी.पी.वार का भी आता है जो जिनके पीआर में भूख मया के, मांग सजा दे सजना, गाँव के ज़ीरो शहर मा हीरो, दुल्हा राजा, तहि बनबे मोर दुल्हनियां, मिस यू मोर स्वीट हार्ट, कबड्डी ये सभी फिल्में फ्लॉप हो गई, चली तो सिर्फ गुइंया और वह भी अमलेश नागेश के कारण।
इसके अलावा सीजी नरेश भी एक ऐसा नाम है जो सोशल मीडिया फ्लेटफार्म के कुछ लोगों को साथ लेकर इन निर्माता और निर्देशकों से अच्छा खासा वसूल लेते हैं और बेचारे सोशल मीडिया के लोगों को दे देते है हरे रंग का एक नोट और ये लोग उसी में खुश हो जाते हैं कि उन्हें तो सिर्फ 3-4 दिन ही कुछ मिनट के लिए अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो चलाना है,पर उन्हें यह मालूम नहीं होता हैं कि कथित लोग छालीवुड फिल्म निर्माता और निर्देशक से कितना पैसा लेते हैं। हालांकि इस खबर की सत्यता पूर्ण प्रकाशन के लिए सीएनआईएन कोई अधिकृत जिम्मा नहीं लेता हैं,सोशल मीडिया में चल रही खबरों के आधार पर बनायी गई है जिसे कुछ प्रभावितो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है।
होली समाचार-उक्त खबर के प्रसारण-प्रकाशन का मकसद सिर्फ होली पर मनोरंजन प्रदान करना है। कोई वैधानिक दावे प्रतिदावे नहीं किये जा सकते,लेकिन कापी पेस्ट कर उपयोग किया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।..शुभ होली..
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