CNIN News Network

जब तक जीत हार नहीं होती थी टेस्ट क्रिकेट चलता था

15 Jun 2023   212 Views

जब तक जीत हार नहीं होती थी टेस्ट क्रिकेट चलता था

Share this post with:

-संजय दुबे-

क्रिकेट में टेस्ट फॉर्मेट को खिलाड़ियों की प्रतिभा का "ऐसिड टेस्ट" माना जाता है। भले ही निर्णय की अनिवार्यता ने सीमित ओवर्स के रूप में पहले 60 फिर 50 औऱ अब 20 ओवर्स के मैच ईजाद कर दिया है लेकिन अभी भी पजामा क्रिकेट  माने जाने वाले सीमित ओवर्स के क्रिकेट को क्रिकेट के पंडित हेय नजरिये से देखा करते है। उनका मानना है कि बैट्समेन वही जो टेस्ट क्रिकेट में लोहा मनवाए,  बॉलर वही जो टेस्ट क्रिकेट में विकेट लेकर दिखाए।

1877 से 1971 तक तो केवल टेस्ट का ही जमाना था।1971 में  अगर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी वर्षा बाधित मैच में दर्शकों के पैसे के खातिर न एक दिन का मैच न खेला  होता तो शायद  वनडे मैच शुरू तो होते लेकिन  देर से। खैर,

टेस्ट, नाम से ही लगता है की ये साधारण नहीं है बल्कि विशेष है। स्कूल में टेस्ट का नाम सुनते ही पसीना छूटने लगता  है। क्रिकेट का टेस्ट भी ऐसा ही है। 15 मार्च 1877 से  आज तक 2290 टेस्ट का सफर तय हो चुका है। टेस्ट ने भी अपने स्वरूप समय के साथ बदले है।

आज के दौर में टेस्ट 5 दिन का होता है लेकिन अपने आरंभिक दौर में 5 दिन निर्धारित नहीं था। 3 से लेकर 6 दिन औऱ जब तक हार जीत नही हो जाती थी तब तक भी खेले जाने वाला टेस्ट मैच भी था। ऑस्ट्रेलिया में तक 92 टेस्ट ऐसे खेले गए।इन्हें  "timeless test" याने समय का कोई प्रतिबंध नही वाला टेस्ट मैच कहा गया है।

क्रिकेट का पितामह कहा जाने वाला इंग्लैंड  शुरुवाती दौर में प्रतिद्वंद्वी के सक्षमता के हिसाब से 3,4, 5  दिन का टेस्ट अपनी सर जमी पर खेलता था। भारत की टिया। 1932 से 1946 तक 4 दिन का टेस्ट इंग्लैंड दौरे पर खेलती थी।

इंग्लैंड ने 3 दिन  के टेस्ट खेलने की परंपरा को 1949 तक निभाया। 121 टेस्ट 3 दिन वाले  खेले गए।जिसमे 64 में जीत हार हुई। 57 टेस्ट ड्रा रहे जिसमे 29 बरसात के कारण  प्रभावित हुये थे। तब के दौर में पिच को ढकने के लिए व्यवस्था नही हुआ करती थी।

132 टेस्ट 4 दिन के समय वाले रहे। ये टेस्ट ज्यादातर इंग्लैंड ही अपने प्रतिद्वंद्वियों के दम देख कर तय करता था। केवल ऑस्ट्रेलिया ही ऐसी टीम थी जो उस समय 5 दिन का " एशेज टेस्ट"  खेला करती थी। 4 दिन के 132 टेस्ट में 70 के निर्णय हुए और 62 टेस्ट ड्रा रहे।  1973 में न्यूजीलैंड औऱ पाकिस्तान ने सालो बाद 4 दिन का टेस्ट खेला था।

6 दिन का टेस्ट ऑस्ट्रेलिया की देन थी 78 टेस्ट ऐसे खेले गए। इनमें से 53 टेस्ट में जीत हार का फैसला हुआ 25 टेस्ट ड्रा रहे।1979 में आखरी बार 6 दिन का टेस्ट खेला गया था। 26 साल बाद ऑस्ट्रेलिया औऱ आईसीसी की टीम ने 14 अक्टूबर 2005 को  6 दिन का  टेस्ट खेला था।

 1946 में 5 दिन का टेस्ट निर्धारित  हुआ । 1859 टेस्ट 5 दिन के खेले जा चुके है। जिनमे 1533 में जीत हार का निर्णय हुआ है।757 टेस्ट ड्रा खेले गए। 2000 के बाद खेले गए 810 टेस्ट में 621 के निर्णय निकलना ये सिद्ध करता है कि वनडे  औऱ टी20 ने परिणाम को निकालने में मदद की है।

सबसे रोचक टेस्ट क्रिकेट समय सीमा से परे टेस्ट थे जिन्हें timeless test कहा गया। संयोग से ये कुल 100 टेस्ट खेले गए। जिनमे 96 में जीत हार का निर्णय हुआ। 4 मैच ड्रा भी हुए तो कारण था कि  तब के समय मे  पानी जहाज से यात्रा करनी पड़ती थी। 15 दिन या एक माह में एक बार जहाज चला करते थे। 1939 में 3 मार्च से 14 मार्च तक टेस्ट चला। इंग्लैंड की  टीम को ट्रेन से डर्बन से केपटाउन ट्रैन फिर पानी जहाज से वापस आना था। इस कारण आपसी सहमति से मैच ड्रा हुआ। 100 में 92 ऑस्ट्रेलिया,5 इंग्लैंड,2 अफ्रीका और एक टेस्ट वेस्टइंडीज में खेला गया था।

भारत ने केवल timeless test भर नहीं खेला है। 1932 से 1946 तक 4 दिन, वाला टेस्ट खेलते रहे। 1947 से 5 दिन का टेस्ट खेले लेकिन 1952 में 4 दिन के टेस्ट में वापस  आये थे। 1970 में भारत ने  एक एक टेस्ट 6 दिन वाला भारत और ऑस्ट्रेलिया में खेला है।

Share this post with:

POPULAR NEWS

© 2022 CNIN News Network. All rights reserved. Developed By Inclusion Web