Share this post with:
0-सीएम मोहन यादव ने लोकार्पण के लिए अमित शाह को किया आमंत्रित
0-रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में होगा नामांतरण,अलग से नहीं करना होगा आवेदन
भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील व्यवस्था लागू होगी। इसके बाद रजिस्ट्री होने के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण होगा। इसके लिए अलग से कोई आवेदन नहीं करना होगा। इसी तरह अविवादित नामांतरण के लिए सभी पक्षों को तहसील कार्यालय आने की आवश्यकता भी नहीं होगी। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने इस व्यवस्था के लोकार्पण के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से भेंटकर आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
इस व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण किया जाएगा और खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा। प्रथम चरण में इस प्रक्रिया को केवल ऐसे अविवादित प्रकरणों में लागू किया जा रहा है जहां विक्रय पूरे खसरे का है। इसके बाद इसे सभी प्रकार के अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों में लागू किया जाएगा। साइबर तहसील के माध्यम से आनलाइन, पेपरलेस और फेसलेस प्रक्रिया से नामांतरण होने से शासन 'सुशासन से सुराज की दिशा में आगे बढ़ेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने साइबर तहसील व्यवस्था लोकार्पित करने के अनुरोध को स्वीकार किया है।
दतिया और सीहोर से हुई थी शुरुआत
मध्य प्रदेश में दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 27 मई 2022 को साइबर तहसील शुरू की गई थी। इसके बाद छह अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। 10 अगस्त 2023 को आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह डेढ़ साल में साइबर तहसील व्यवस्था 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू हो गई। बाकी जिलों में यह एक जनवरी से लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।
Share this post with: