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मिनरल वाटर का टॉप ब्रांड बिसलेरी हुआ अब टाटा का

24 Nov 2022   360 Views

मिनरल वाटर का टॉप ब्रांड बिसलेरी हुआ अब टाटा का

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0- 6,000-7,000 करोड़ रुपए में हो रही है डील
नई दिल्ली।(इकोनॉमिक टाइम्स)। सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का को कोका-कोला को बेचने के लगभग तीन दशक बाद, रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को बेचने जा रहे हैं। ये डील 6,000-7,000 करोड़ रुपए में हो रही है। 82 साल के चौहान का कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले लेवल पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है। डील के तहत वर्तमान मैनेजमेंट दो साल तक जारी रहेगा।
चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप इसका और भी बेहतर तरीके से देखभाल करेगा और आगे बढ़ाएगा। हालांकि, बिसलेरी को बेचना अभी भी एक पेनफुल फैसला था। मुझे टाटा का कल्चर पसंद है और इसलिए अन्य खरीदारों के बावजूद मैंने टाटा को चुना। कहा जाता है कि बिसलेरी को खरीदने के लिए रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित कई दावेदार थे।
चौहान ने कहा कि 23 के लिए बिसलेरी ब्रांड का कारोबार 220 करोड़ रुपए के प्रॉफिट के साथ 2,500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। मार्च 2021 को खत्म साल में कंपनी ने 1,181.7 करोड़ रुपए की बिक्री और 95 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया। वहीं मार्च 2020 को खत्म वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 1,472 करोड़ रुपए था और 100 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया था।
हमेशा अपने समय से आगे रहने के लिए जाने जाने वाले, चौहान 27 साल की उम्र में भारतीय बाजार में बोतलबंद मिनरल वाटर पेश किया था।पारले एक्सपोर्ट्स ने 1969 में एक इटली के एक बिजनेसमैन से बिसलेरी को खरीदा था और भारत में मिनरल वाटर बेचना शुरू किया था। 50 साल से ज्यादा के करियर में चौहान ने बिसलेरी को मिनरल वाटर का भारत का टॉप ब्रांड बना दिया। चौहान ने प्रीमियम नेचुरल मिनरल वाटर ब्रांड वेदिका भी बनाया है। इसकेके अलावा, थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे कई ब्रांड को बनाने वाले भी चौहान ही हैं।
चैरिटी में लगाएंगे पैसा
चौहान ने कहा कि वह बिसलेरी में माइनोरिटी स्टेक भी नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि बिजनेस को बेचने के बाद उन्हें कंपनी में माइनोरिटी स्टेक होल्ड करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। वहीं उन्होंने बताया कि बोतलबंद पानी के कारोबार से बाहर निकलने के बाद, वह वाटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग जैसे पर्यावरण और चैरिटी से जुड़े कामों में फोकस करना चाहते हैं।

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